एक प्राचीन आवास में, जब चाकी घूमती है तो एक अनोखा सुगंध आती है। यह सुगंध याद दिलाती है हमारे बचपन के सुखद पलों को। यह सुगंध असर डालती है की हमारे अपनों से जुड़ाव और हमारी जिंदगी में मौजूद रुचि।
अन्न के उद्यान का
अन्न का जन्मस्थान मिट्टी है। यहाँ नन्हे पौधे विकसित होते हैं और फूलों का निर्माण होता है। यह आहार के लिए बहुत ज़रूरी है। प्राणी इस अन्न से पार करते हैं।
- किसान अन्न उगाने में बहुत मेहनत करते हैं।
- आजादी अन्न का प्रयोग करना चाहिए।
- यहाँ अन्न का जन्मस्थान है, हम इसे संभालना चाहिए।
आपके घर की रीति-रिवाज
हर बनियान में अपने अनोखे रीति-रिवाज होते हैं। ये रीति-रिवाज परिवार को एकता प्रदान करते हैं और उसे अपनी परंपराओं से जोड़ते हैं। कुछ रीति-रिवाज परंपराओं से आये हुए होते हैं, जबकि कुछ {नए समय केउभरे हैं।
- आधुनिक दुनिया में भी कई परिवार अपने घर की रीति-रिवाजों को निभाते रहते हैं जो उन्हें विशिष्ट बनाती हैं।
- कभी-कभी ये रीति-रिवाज बदलते रहते हैं।
- यह परिवार को एकजुट रखने में मदद करते हैं
चक्की से चावल का संगम
एक सदीयों पुरानी परंपरा है भारत में लोहे की चक्की से चावल तैयार करना. यह तकनीक सदियों से परिस्थिति के अनुसार बदलती रही .
- कार्यक्षमता से चावल का आटा निकालने के लिए कारीगर अपने ज्ञान का उपयोग करते थे.
- पारंपरिक तरीके से चावल का संगम आज भी कई क्षेत्रों में प्रचलित है .
इस तकनीक के साथ जुड़ी आवाज़ और गंध आज भी याद दिलाती है .
आजीविका का स्त्रोत
यह हर व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण होता है। हर कोई अपनी जीने की जिम्मेदारी उठाने के लिए अलग-अलग रास्ते चुनते हैं. कुछ लोग कृषि में काम करते हैं, जबकि कुछ लोग खेल का क्षेत्र चुनेंगे।
आजीविका का स्रोत हर व्यक्ति के लिए अनूठा होता है. कुछ लोगों को अपनी आजीविका चलाने में कठिनाई होती है .
रंगों की परंपरा
यह सतत है सदियों से। हमारे रीति-रिवाजों में झांकते हैं विभिन्न रंगों का दृष्टांत । हर रंग किसी न किसी भावना को व्यक्त करता है, किसी न किसी पहचान को दर्शाता है।
कई रंग हमारे आध्यात्मिक विश्वासों से जुड़े हुए हैं। कुछ रंग हमारी दिव्य रस्मों और त्योहारों का प्रतीकात्मक होते हैं।
इसके रंग हमारे कहानियों को बताते हैं, हमारी here संस्कृति को परिभाषित करते हैं।